वह वर्षों से धीरे-धीरे उनसे छुटकारा पाने की कोशिश कर रहा था और जब भी कोई समस्या होती थी, तो हमेशा कुछ न कुछ सामने आता था और वे दूर भाग जाते थे या पूरी तरह से गायब हो जाते थे। आयरिश गिरोह, इतालवी गिरोह, रूसी गिरोह, आईआरए के सदस्य, पूर्व-केजीबी, याकुज़ा, और यहां तक कि काल्पनिक इल्ल्युमिनाटी सदस्यों की अफवाह भी… स्टीवन ने किसी की कोई परवाह नहीं की थी। जहाँ तक उसका मानना था, वे सभी एक ही थैली के चट्टे-बट्टे थे। लेकिन कभी-कभी उनमें से कुछ लोगों को अपने पक्ष में रखना बुरा नहीं होता।
“उसे फोन करो और कहो कि आज रात यहाँ न आए।” उसने फोन को बूढ़े आदमी के करीब धकेल दिया और अपनी बाहों को पार कर यह सुनिश्चित करने के लिए इंतजार करने लगा कि पुजारी वैसा ही करे जैसा उसने कहा था।
बूढ़े ने होंठ भींच लिए। अगर वह उसे घर पर फोन करना और उसका पिता फोन उठाता, तो ज्वेल बड़ी मुसीबत में पड़ जाती और संभवत: किसी गली में कहीं मुंह के बल पड़ी हुई मिलती। शायद उसका पादरी होना भी उसे बचा नहीं पाएगा। "वह नहीं आ रही है," उसने झिझकते हुए कहा, फिर दीवार पर लगी घड़ी को देखते हुए और दृढ़ता से दोहराया। "अगर वह आ रही होती तो वह अब तक यहाँ पहुँच चुकी होती।"
स्टीवन ने आज रात उसे न देख पाने पर निराशा महसूस की और यह जानकर संतुष्ट हुआ कि वह सुरक्षित है, और दोनों भावनाएँ उसके सीने में कहीं टकरा गईं। अपना ध्यान बंटाने के लिए वह खड़ा हो गया और कुर्सी को उसी तरह वापस रख दिया जिस तरह से उसने पाया था। "जब हम काम पूरा कर लेंगे तो मैं आ कर आपको बता दूंगा।"
"रुको!" स्टीवन ने दरवाजा खोला तो पुजारी ने उसे पुकारा। "अगर तुम उसे देखो......."
"मैं उसे सीधा तुम्हारे पास भेज दूंगा।" स्टीवन ने वादा किया और बाहर चला गया।
दरवाजा बंद करते हुए, स्टीवन ने अपना सिर हिलाया और नीचे हॉल की ओर चल पड़ा। यह मंजिल साफ थी और कुछ नीचे गिरे उस से पहले उसे निक को साथ लेना ज़रूरी लगा। नीचे जाकर उसने चारों ओर देखा लेकिन निक को कहीं नहीं पाया।
“सब ठीक है, तुम कहाँ चले गए?” स्टीवन बुदबुदाया और बंद दरवाजों के पीछे देखने लगा।
जब उसे तहखाने का दरवाजा अधखुला मिला और उसे निक के विचारों की दिशा का एहसास हुआ तो उसका दिल किया कि वह खुद को पीट डाले। "अंधेरे स्थान, भूमिगत... बकवास!"
जानबूझ कर ज़ोर ज़ोर से पैरों की आवाज़ करते हुए, स्टीवन सीढ़ियों से नीचे उतरा और सीलन की गर्मी में अपनी नाक सिकोड़ी। "लानत हो, यहाँ तो बहुत बदबू है।"
वह एक और खुले दरवाजे के पास पहुंचा और उसमें घुस गया। निक बॉयलर के सामने खड़ा था और उसका दरवाज़ा पूरा खुला हुआ था और वह लोहे की छड़ से आग में किसी चीज़ को खोज रहा था।
"कुछ मिला?" स्टीवन ने पूछा।
जवाब में, निक ने लोहे की छड़ को आग में से निकाला और उसमें एक खोपड़ी के जले हुए अवशेष अटके हुए थे और उस का सिरा उसकी आंख के छेद में अटका हुआ था। "मुझे लगता है कि यह कहना ठीक रहेगा कि लापता व्यक्ति के सूची में से कुछ इंसान जल्द ही नहीं मिलेंगे।"
"मुझे लगता है कि यह चर्च कुछ स्थानीय माफियाओं के लिए अपना व्यवसाय करने का एक सामान्य अड्डा है।" स्टीवन ने व्याख्या की।
“एक कैथोलिक चर्च में?” निक ने आश्चर्य से पूछा। "क्या अब कुछ भी पवित्र नहीं बचा है?"
स्टीवन ने कंधे उचकाए, "जैसी कहावत है, मृत्यु और करों के अलावा कुछ भी निश्चित नहीं है।"
निक ने खोपड़ी को वापस बॉयलर में गिरा दिया और दरवाजा बंद कर दिया। "या हमारे मामले में, फर और बिल्लियों के बच्चे।"
दोनों लोग मज़ा लेते हुए खिलखिलाए, फिर स्टीवन थोड़ा संभला। "ठीक है, हमें वास्तव में गंभीर हो जाना चाहिए।"
वे अलग हो गए, हर विशाल कमरे के अलग अलग छोरों पर खोज करने लगे, तभी स्टीवन ने लकड़ी के तख्तों से भरे विशाल कचरे के डिब्बों में से एक के पीछे कुछ देखा। "हे निक, ज़रा मेरी मदद करो।"
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